एन.ई-सैक सोसाइटी के विभिन्न पुरस्कार और मान्यता
पुरस्कार और मान्यता
श्री पी.एल.एन.राजू, निदेशक, एन.ई-सैक को इंडियन सोसायटी ऑफ रिमोट सेंसिंग (आई.एस.आर.एस) द्वारा वर्ष 2019 के लिए प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, आपदा जोखिम शमन, टेली-एजुकेशन और आउटरीच, आदि के साथ-साथ उत्तर पूर्वी क्षेत्र में यूएवी का उपयोग करने के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों को बढ़ावा देने में उनके अग्रणी और महत्वपूर्ण आजीवन योगदान की मान्यता में प्रतिष्ठित सतीश धवन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार आई.एस.आर.एस – आई.एस.जी (ISRS-ISG) राष्ट्रीय संगोष्ठी और वार्षिक सम्मेलन के दौरान आई.एस.जी (ISG) अहमदाबाद चैप्टर द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था और 18 एवं 19 दिसंबर 2020 के दौरान एक ऑनलाइन वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम से अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र, इसरो, अबमदाबाद द्वारा होस्ट किया गया था।
इंडियन सोसायटी ऑफ जियोमैटिक्स (आई.एस.जी) – शिलांग चैप्टर को वर्ष 2019 के लिए सर्वश्रेष्ठ चैप्टर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है और यह पुरस्कार ऑनलाइन /वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम से 18 और 19 दिसंबर 2020 के दौरान सैक अहमदाबाद में आयोजित आई.एस.आर.एस – आई.एस.जी (ISRS-ISG) राष्ट्रीय संगोष्ठी और वार्षिक सम्मेलन के दौरान प्रदान किया गया था।
वर्ष 2019 के दौरान, आई.एस.जी शिलांग चैप्टर ने एन.ई.आर पर विशेष जोर देने के साथ सतत विकास के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी में नवाचारों पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया और एन.ई-सैक, शिलांग में आई.एस.जी और आई.एस.आर.एस के वार्षिक सम्मेलनों में 4 प्रमुख विषयों पर एक पूर्व संगोष्ठी ट्यूटोरियल का आयोजन किया। संगोष्ठी में 350 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसके अलावा, आई.एस.जी – शिलांग चैप्टर द्वारा कई कार्यक्रम और अन्य सामाजिक गतिविधियों का आयोजन किया गया है, अर्थात विक्रम साराभाई जन्म शताब्दी समारोह, राष्ट्रीय सुदूर संवेदन दिवस, आदि के दौरान लोकप्रिय व्याख्यान।
श्री पी.एल.एन.राजू, अध्यक्ष, डॉ. बी.के.हैंडिक, सचिव और डॉ. चंदन गोस्वामी, कोषाध्यक्ष, आई.एस.जी – शिलांग चैप्टर ने आई.एस.जी – शिलांग चैप्टर की ओर से पुरस्कार ग्रहन किया।
डॉ. दिब्यज्योति चूटिया, वैज्ञानिक/अभियंता ‘एस.एफ’ को जियोमैटिक्स के अनुप्रयोगों में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रौद्योगिकी पर राष्ट्रीय भू-विज्ञान पुरस्कार 2019 प्राप्त हुआ। यह पुरस्कार मेघालय के माननीय राज्यपाल द्वारा “उत्तर पूर्वी क्षेत्र में विशेष बल देने के साथ सतत विकास के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी में नवाचार” और इंडियन सोसायटी ऑफ जियोमैटिक्स (आई.एस.जी) तथा इंडियन सोसायटी ऑफ रिमोट सेंसिंग (आई.एस.आर.एस) के वार्षिक सम्मेलनों का आयोजन इंडियन सोसायटी ऑफ जियोमैटिक्स तथा इंडियन सोसायटी ऑफ रिमोट सेंसिंग द्वारा संयुक्त रूप से शिलांग में 20-22 नवंबर, 2019 के दौरान किया गया था।
पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों के लिए विकसित इलेक्शन ई-एटलस को सार्वजनिक योजनाओं, अधिकारों, नागरिक और ई-गवर्नेंस सेवाओं तक पहुंच की श्रेणी में 7वां ईनेबलिंग नॉर्थ ईस्ट [ई-नार्थ ईस्ट] अवार्ड 2019-2020 मिला। ईवेंट प्लेनरी “सस्टेनिंग द परस्यूट ऑफ UN SDGs पोस्ट इन कोविड 19 नॉर्थ ईस्ट इंडिया“ की थीम के साथ, ई-नार्थ ईस्ट अवार्ड 2019-2020 के 7वें संस्करण की घोषणा नामांकन प्रक्रिया के महीनों की परिणति के रूप में, और उत्तर पूर्व भारत की सर्वोत्तम सतत विकास प्रथाओं का चयन करने के लिए तीन दिनों की वर्चुअल जूरी (कोविड -19 के कारण) के रूप में 20 जून, 2020 को की गई थी। पुरस्कार समारोह के लिए कुल 51 नामांकन चुने गए। श्री के.मोसेस. चलाई, एई.ए.एस, उत्तर पूर्वी परिषद (एन.ई.सी), भारत सरकार के सचिव ने अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।