एन.ई-सैक मेघालय राज्य के शिलांग से लगभग 20 किमी दूर उमियम (बरापानी) में स्थित है। अतिथि सह प्रशिक्षण छात्रावास सहित आवासीय परिसर का निर्माण अंतिम चरण में है, जो कार्यालय परिसर से लगभग 1 किमी दूर है। केंद्र सुदूर संवेदन(आर.एस) और भौगोलिक सूचना प्रणाली(जी.आई.एस), आपदा प्रबंधन, उपग्रह संचार और अंतरिक्ष तथा वायुमंडलीय विज्ञान अनुसंधान के क्षेत्रों में अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है।
सुविधाएं
केंद्र में भू-स्थानिक विश्लेषण और डिजिटल इमेज प्रोसेसिंग के लिए अत्याधुनिक सर्वर और वर्कस्टेशन है, फोटोग्रामिट्री, हाइड्रोलॉजिकल मॉडलिंग, आदि के लिए बहुत ही उच्च अंत प्रणाली, जी.आई.एस और जी.एन.एस.एस उपकरण, इको साउंडर, उच्च गुणवत्ता वाले आउटपुट डिवाइस आदि है। केंद्र के पास भारतीय और विदेशी रिमोट सेंसिंग उपग्रहों से उपग्रह डेटा का समृद्ध संग्रह है, जिसमें संपूर्ण एन.ई.आर, संदर्भ मानचित्र और क्षेत्र के अन्य सहायक डेटा शामिल है। एन.ई-सैक डिजिटल इमेज प्रोसेसिंग, भूस्थानिक विश्लेषण और स्थान आधारित सेवाओं को सक्षम करने के लिए विभिन्न प्रकार के प्लेटफॉर्मों से डेटा से संसाधित करने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित है। डेटा विश्लेषण के लिए COTS और ओपन सोर्स सॉफ्टवायर दोनों से क्षमताएं और विशेषज्ञता मौजूद है। केंद्र के पास लीफ एरिया इंडेक्स को मापने के लिए डिजिटल प्लांट कैनॉपी एनालाइज़र भी है, स्पेक्ट्रमी पुस्तकालय के निर्माण के लिए करीब संकरे अंतराल पर वर्णक्रमीय परावर्तन को मापने के लिए स्पेक्ट्रोरेडियोमीटर।
पिछले कुछ वर्षों में एन.ई-सैक ने अनुसंधान और आउटरीच गतिविधि करने और परिचालन सेवाएं प्रदान करने के लिए उन्नत आईटी अवसंरचना की स्थापना की है। केंद्र में एक लोकल एरिया नेटवर्क (एल.ए.एन) है जिसमें 1Gbps इथरनेट बैकबोन है जो सभी प्रयोगशालाओं, सुविधाओं के साथ-साथ प्रशासनिक विभागों को जोड़ता है। इन्टरनेट कनेक्टिविटी पूरे एन.ई-सैक कार्यालय भवन में 1Gbps OFC लिंक (NKN) के साथ 10mbps बैंडविड्थ के साथ एक अनावश्यक बैकअप लिंक के साथ प्रदान की जाती है। NKN और इसरो स्पेसनेट कनेक्टेविटी दोनों का उपयोग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और अन्य डेटा स्ट्रीमिंग अनुप्रयोगों के लिए किया जा रहा है। केंद्र ने मौजूदा परियोजना गतिविधियों के तहत एफ़टीपी सहित विभिन्न प्रकार की वेब सेवाएं प्रदान करने के लिए अनावश्यक सर्वर और भंडारण के साथ बेव हेस्टिंग अवसंरचना की स्थापना की है। केंद्र उन्नत और सटीक ज़मीनी सर्वेक्षण अनुप्रयोगों के लिए पर्याप्त संख्या में वर्कस्टेशन, प्रिंटर, प्लॉटर, स्कैनर, जी.पी.एस सिस्टम, जी.पी.एस-सक्षम डिजिटल कैमरा, गगन जी.पी.एस और उच्च अंत डी.जी.पी.एस से सुसज्जित है। इसके अलावा, पर्याप्त संख्या में इमेज प्रोसेसिंग और जी.आई.एस सॉफ्टवायर जैसे – एरडास, जियोमैटिका, ई.एस.आर.आई आर्क जी.आई.एस, ई-कॉग्निशन, सुपरमैप, गामा, टी.एन.टीमिप्स आदि के साथ- साथ अन्य ऑपन सोर्स सॉफ्टवायर और टूल्स लैब में उपलब्ध है।
एन.ई-सैक ने 2014 के दौरान 1 मास्टर नोड (20 कोर), 12 टीबी स्टोरेज (एस.ए.एन) के साथ 6 कंप्यूट नोड्स (72 कोर) सह एच.पी.सी सुविधा स्थापित की है। कंप्यूटिंग सुविधा को 8 टीबी स्टोरेज के अतिरिक्त 4 कंप्यूट नोड्स (80 कोर) के साथ अपग्रेड किया गया है।
एन.ई-सैक के पास पूर्वोत्तर क्षेत्र के आठ राज्यों में विभिन्न विकास कार्यक्रमों को सहयोग देने के लिए उन्नत उपग्रह संचार सुविधाएं है। उपलब्ध सुविधाएं हैः विभिन्न विषयों में सामग्री निर्माण के लिए सैटकॉम स्टूडियो, अंतरिक्ष विभाग/इसरो केंद्र के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और डेटा ट्रांसफर गतिविधियों के लिए स्पेसनेट सिस्टम, आपदा की स्थिति में संचार सहायता के लिए इसरो डी.एम.एस-वी.पी.एन नोड और सैटलाइट फोन (टाइप-डी टर्मिनल)। एन.ई-सैक आपदा प्रबंधन सहयोग के हिस्से के रूप में मोबाइल एप के विकास के माध्यम से भी योगदान देता है। एन.ई-सैक ने इसरो के उपग्रह नेविगेशन कार्यक्रम के हिस्से के रूप में 24X7 आधार पर नाविक/डेटा रिसेप्शन और निगरानी सुविधा के लिए चार ग्राउंड स्टेशनों में से एक की मेज़बानी की है। केंद्र का-बैंड प्रसार प्रयोग और NAVIC SPS-GPS रिसीवर प्रयोग का भी सहयोग करता है।
केंद्र में एक दोहरी ध्रुवीकृत्त एस बैंड डॉपलर मौसम रडार (डी.डब्ल्यू.आर) है जो चेरापूंजी, मेघालय में स्थापित किया गया है ताकि जल मौसम वैज्ञानिकीय संबंधी आपदाओं, संवहनी प्रणालियों, बादल और वर्षा भौतिकी आदि की प्रारंभिक चेतावनी में अध्ययन किया जा सके। केंद्र में ऐरोसॉल के भौतिक और ऑप्टीकल लक्षण वर्णन के लिए एक मल्टी वेवलेंथ रेडियोमीटर (एम.डब्ल्यू.आर), सनफोटोमीटर, एथेलोमीटर, इंटीग्रेटिंग नेफेलोमीटर, इलेक्ट्रिक लो प्रेशर इम्पैक्टर (इ.एल.पी.आइ) आदि की भी मेज़बानी की जाती है। वायुमंडलीय सीमा परत भौतिकी और गतिशीलता का अध्ययन करने के लिए, केंद्र में हाइड्रोज़न गैस से भरे गुब्बारे के साथ डॉ. पिशारोते सोंडे (जी.पी.एस आधारित) सॉन्चिंग सुविधा और 4 स्तरों पर (6m, 10.5m, 18m, और 30m की ऊंचाई पर) तेज़ी से प्रतिक्रिया 3 डी सोनिक एनीमोमीटर और अन्य मौसम संबंधी उपकरणों के साथ एक 32 मीटर टॉवर है। ग्रीन हाउस गैसों (GHG) के लिए ऑनलाइन गैस जैसे ऑक्साइड ऑफ सल्फेट (SOx), अक्साइड ऑफ नाइट्रोजन (NOx), कार्बन मोनो ऑक्साइड (CO), ओज़ोन (O3) और मीथेन, गैर-मीथेन हाइड्रोकार्बन का उपयोग क्षेत्रीय जीएचजी और जलवायु पर उनके प्रभाव को चिह्नित करने के लिए आवश्यक अंशांकन और केंद्रीकृत्त डेटा लॉगिंग प्रणाली के साथ किया जा रहा है। एन.ई-सैक द्वारा पूरे एन.ई.आर में फैले 118 स्वचालित मौसम स्टेशनों का एक नेटवर्क स्थापित किया गया था।
पुस्तकालय सुविधा अनुसंधान और अनुप्रयोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार के विषयों को कवर करनेवाली पुस्तकों, जरनल, पत्रिकाओं और अन्य संसाधनों से सुसज्जित है। पुस्तकालय सुविधा के आवश्यक प्रबंधन के लिए आवश्यक सॉफ्टवायर सुविधाएं भी स्थापित की गई है। एन.ई-सैक पुस्तकालय अंतरिक्ष विभाग के अंतरिक्ष ज्ञान संघ के अंतर्गत आता है। एन.ई-सैक अंतरिक्ष ज्ञान के तहत पत्रिकाओं की ऑनलाइन सदस्यता, ई-लाइब्रेरी संसाधनों तक पहुंच की सुविधा का लाभ उठाता है।
एन.ई-सैक के आवासीय परिसर में अच्छी तरह से सुसज्जित व्यायामशाला और मनोरंजन सुविधाएं है। जिमनैजियम में अत्याधुनिक सुविधाएं जैसे ट्रैडमिल, एलिप्टिकल क्रॉस ट्रेनर, फिटनेस बाइक और अन्य उपकरण है। एन.ई-सैक में बैडमिंटन, टेबल टैनिस और वॉलीबॉल तथा क्रिकेट जैसे आउटडोर गेम नियमित रूप से खेले जाते हैं। एन.ई-सैक के नियमित कर्मचारी साथ ही छात्र, प्रशिक्षु सभी विभिन्न खेलों और मनोरंजन गतिविधियों में नियमित रूप से शामिल होते हैं। गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और एन.ई-सैक स्थापना दिवस के अवसर पर एन.ई-सैक के कर्मचारियों के लिए एन.ई-सैक मनोरंजन समिति द्वारा विभिन्न खेलों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। एन.ई-सैक अपनी आगामी आउटरीच सुविधा के लिए पूर्ण जिमनैजियम और मनोरंजक सुविधाएं भी स्थापित कर रहा है।
एन.ई-सैक ने यूएवी प्रणाली के विकास और एकीकरण के लिए अत्याधुनिक यूएवी प्रयोगशाला सुविधा स्थापित की है। प्रयोगशाला यूएवी प्रणाली के विकास के लिए विभिन्न घटकों,संयोजन उपकरणों से सुसज्जित है। यूएवी से संबंधित अन्य सहायक उपकरण के साथ-साथ इन-हाउस मिनी यूएवी विकसित करने के लिए 3डी प्रिंटर का उपयोग किया जा रहा है। IITs/NITs/ विश्वविद्यालयों जैसे विभिन्न संस्थानों के 25 से अधिक छात्रों ने अब तक एन.ई-सैक में यू.ए.वी सिस्टम इंजीनियरिंग और विकास के क्षेत्र में परियोजनाएं (1 महीने से 1 वर्ष तक की अवधि की) शुरू की है।